अशोक के अधिकांश अभिलेख ब्राह्मी लिपि में लिखे गये हैं।
अशोक के अधिकांश अभिलेख ब्राह्मी लिपि में हैं।
अशोक के शिलालेख ब्राह्मी, खरोष्ठि एवं अरामाईक लिपि में लिखे गये थे।
जूनागढ़ अभिलेख ब्राह्मी लिपि में है।
प्राचीन भारत के सिक्कों पर मुख्यतया ब्राह्मी, खरोष्ठी एवं ग्रीक लिपि का प्रयोग किया जाता था।
बायें से दायें लिखी जाने वाली लिपि ब्राह्मी लिपि कहलाती है।
मौर्यकालीन शिलालेख एरागुड़ी ब्राह्मी लिपि में है।
मौर्यकालीन शिलालेख कालसी ब्राह्मी लिपि में है।
मौर्यकालीन शिलालेख गिरनार ब्राह्मी लिपि में है।
मौर्यकालीन शिलालेख जौगढ़ ब्राह्मी लिपि में है।
मौर्यकालीन शिलालेख धौली ब्राह्मी लिपि में है।
मौर्यकालीन शिलालेख सोपारा ब्राह्मी लिपि में है।
सातवाहनों की प्राकृत भाषा ब्राह्मी लिपि में थी।