ऋग्वेद के 10वें मंडल में आदि पुरूष ब्रह्मा के चरणों से शूद्र वर्ण की उत्पत्ति हुई है।
प्राचीन रचना ऋग्वेद में उल्लिखित ‘ऋक्’ का अर्थ छन्दों तथा चरणों से युक्त मंत्र है।