चार्टर एक्ट

‘चार्टर एक्ट (1813 ई0)’ के द्वारा कंपनी का चीन के साथ व्यापार का एकाधिकार 20 वर्षों के लिए प्राप्त था।

‘चार्टर एक्ट (1813 ई0)’ के द्वारा कंपनी के भारतीय व्यापार के एकाधिकार को समाप्त कर दिया था।

‘चार्टर एक्ट (1833 ई0)’ के द्वारा कंपनी का चीन से व्यापार के एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया था।

‘चार्टर एक्ट (1833 ई0)’ के द्वारा कंपनी के व्यापारिक अधिकार पूर्णतः समाप्त कर दिये गए थे।

1793 के चार्टर एक्ट में किन नगर निगमों की स्थापना हुई है?

ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना ‘चार्टर एक्ट’ के द्वारा की गयी थी।

कंपनी का पूर्वी देशों के साथ चाय के व्यापार का एकाधिकार ‘चार्टर एक्ट (1813 ई0)’ के द्वारा 20 वर्षों के लिए प्राप्त था।

कंपनी के ‘अधिकार-पत्र’ को ‘चार्टर एक्ट (1813 ई0)’ के द्वारा 20 वर्षों तक बढ़ा दिया गया था।

कलकत्ता प्रेसीडेन्सी के राज्यपाल एवं उनकी परिषद को 1726 ई0 के चार्टर एक्ट के तहत विधायी अधिकार प्रदान किया गया था।

कलकत्ता सरकार द्वारा बनाई गयी विधियों का ‘चार्टर एक्ट (1813 ई0)’ के कारण ब्रिटिश संसद द्वारा अनुमोदन अनिवार्य कर दिया गया था।

चार्टर एक्ट (1833 ई0) के अन्तर्गत पहले बनाये गये कानूनों को ‘नियामक कानून’ कहा गया था।

चार्टर एक्ट (1833 ई0) के अन्तर्गत बनाये गये नए कानूनों को एक्ट या अधिनियम कहा गया था।

चार्टर एक्ट (1833 ई0) के द्वारा गवर्नर जनरल की परिषद् में किस सदस्य की नियुक्ति हुई थी?

चार्टर एक्ट (1833 ई0) के द्वारा गवर्नर जनरल की परिषद् में विधि सदस्य की नियुक्ति हुई थी।

चार्टर एक्ट (1833 ई0) के परिणामस्वरुप ‘प्रथम विधि आयोग’ की स्थापना हुई थी।

चार्टर एक्ट (1833 ई0) के परिणामस्वरुप किस आयोग की स्थापना हुई थी?

चार्टर एक्ट (1833 ई0) ने किस सेवकों के चयन के लिए खुली प्रतियोगिता का आयोजन शुरु करने का प्रयास किया था?

चार्टर एक्ट (1833 ई0) ने सिविल सेवकों के चयन के लिए खुली प्रतियोगिता का आयोजन शुरु करने का प्रयास किया था।

चार्टर एक्ट (1853 ई0) में किस व्यवस्था का आरम्भ सिविल सेवकों की भर्ती एवं चयन हेतु किया गया था?

चार्टर एक्ट (1853 ई0) में भारतीय सिविल सेवा के संबंध में समिति की नियुक्ति 1854 ई0 में की गयी थी।

चार्टर एक्ट (1853 ई0) में भारतीय सिविल सेवा के संबंध में समिति की नियुक्ति कब की गयी थी?

चार्टर एक्ट (1853 ई0) से सिविल सेवकों के चयन एवं भर्ती की प्रक्रिया का आरम्भ किया गया था।

चार्टर एक्ट, 1813 के द्वारा कम्पनी को और अगले 20 वर्षों के लिए भारतीय प्रदेशों तथा राजस्व पर नियंत्रण का अधिकार दे दिया गया था।

चार्टर एक्ट, 1813 के द्वारा भारत में ईसाई मिशनरियों को धर्म प्रचार की अनुमति दी गई थी।

चार्टर एक्ट, 1813 के द्वारा भारत में शिक्षा के लिए प्रति वर्ष 1 लाख खर्च करने का प्रावधान किया गया था।

चार्टर एक्ट, 1813 के द्वारा ही पहली बार भारत में ब्रिटिश क्षेत्र की संवैधानिक स्थिति को स्पष्ट रुप से परिभाषित किया गया था।

बंगाल के गवर्नर जनरल को ‘चार्टर एक्ट (1833 ई0)’ के द्वारा संपूर्ण भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया था।

बंगाल के लिए नये लेफ्टिनेंट गवर्नर की नियुक्ति चार्टर एक्ट (1853 ई0) के द्वारा की गई थी।

बम्बई प्रेसीडेन्सी के राज्यपाल एवं उनकी परिषद को 1726 ई0 के चार्टर एक्ट के तहत विधायी अधिकार प्रदान किया गया था।

बम्बई सरकार द्वारा बनाई गयी विधियों का ‘चार्टर एक्ट (1813 ई0)’ के कारण ब्रिटिश संसद द्वारा अनुमोदन अनिवार्य कर दिया गया था।

भारत के लिए पृथक विधान परिषद् की स्थापना चार्टर एक्ट (1853 ई0) के द्वारा की गई थी।

भारत में केन्द्रीय शासन प्रणाली की शुरुआत ‘चार्टर एक्ट (1833 ई0)’ के द्वारा हुई थी।

भारत में प्रथम विधि आयोग की स्थापना ‘चार्टर एक्ट (1833 ई0)’ के परिणामस्वरुप हुई थी।

मद्रास प्रेसीडेन्सी के राज्यपाल एवं उनकी परिषद को 1726 ई0 के चार्टर एक्ट के तहत विधायी अधिकार प्रदान किया गया था।

मद्रास सरकार द्वारा बनाई गयी विधियों का ‘चार्टर एक्ट (1813 ई0)’ के कारण ब्रिटिश संसद द्वारा अनुमोदन अनिवार्य कर दिया गया था।

मद्रास, कलकत्ता एवं बम्बई नगर निगमों की स्थापना 1793 के चार्टर एक्ट में हुई है।

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