शिवाजी ‘हैन्दवर्धोद्धारक’ की पदवी के साथ छत्रपति के आसन पर बैठे थे।
शिवाजी कौन सी पदवी के साथ छत्रपति के आसन पर बैठे थे?
शिवाजी ने राज्याभिषेक के बाद ‘छत्रपति’ की उपाधि धारण की थी।