तमिल साहित्य के महाकाव्य जीवक चिन्तामणि के लेखक का नाम तिरूत्तक्कदेवर (जैन) था।
मेरूतुंग कृत प्रबन्ध चिन्तामणि से ज्ञात होता है कि तैलप द्वितीय ने मुंज के ऊपर छः बार आक्रमण किया था।