चोलों का राजकीय चिन्ह बाघ था।
चोलों की राजधानी उरैयुर सूती वस्त्र के लिए प्रसिद्ध था।
चोलों से पराजित होने के कारण कल्याणी चालुक्य सोमेश्वर प्रथम ने करूवती के पास तुंगभद्रा नदी में डूबकर आत्महत्या की थी।
पल्लव शासक सिंहविष्णु द्वारा चोलों की पराजय का वर्णन वैलूर पालैयम ताम्रपत्र से मिलता है।
पाण्ड्यों, चोलों, केरों एवं कलभ्रों को वातापी के चालुक्य वंश के किस शासक ने पराजित किया था?
पाण्ड्यों, चोलों, केरों एवं कलभ्रों को वातापी के चालुक्य वंश के विक्रमादित्य द्वितीय ने पराजित किया था।
राष्ट्रकूट वंश के शासक कृष्ण तृतीय ने चाेलों को परास्त कर कांची एवं तंजावुर पर अधिकार कर लिया था।