‘सम्प्रदायिक पंचाट’ के अंतर्गत मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, आंग्ल-भारतीयों तथा दलित वर्ग के लिए पृथक निर्वाचन पद्धति की सुविधा प्रदान की गई थी।
प्रथम गोलमेज सम्मेलन में भारतीय राजनीतिक दलों में उदारवादी दल, मुस्लिम लीग, हिन्दू महासभा, दलित वर्ग, व्यापारिक वर्ग एवं राजवाड़ों के प्रतिनिधि शामिल थे।