धनुर्धर

चोल काल में सेना के मुख्य अंग-धनुर्धर को विल्लिगल कहा जाता था।

समुद्रगुप्त द्वारा जारी छः प्रकार की स्वर्ण मुद्रायें गरूड़, व्याध्रहन्ता, धनुर्धर, परशु, अश्वमेध एवं वीणाधारी था।

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