DNA द्विगुणन की अर्धसंरक्षी विधि का प्रतिपादन किसने किया था?
DNA द्विगुणन की अर्धसंरक्षी विधि का प्रतिपादन वाटसन एवं क्रिक ने किया था।
DNA द्विगुणन क्या है?
DNA द्विगुणन शरीर में होने वाली वह प्रक्रिया है जिसमें DNA द्वारा DNA का निर्माण होता है।
ओकाजाकी टुकड़े (Okazaki fragments) DNA द्विगुणन के पश्चगामी रज्जुक पर उपस्थित अत्यन्त छोटे-छोटे टुकड़े है। प्रत्येक ओकाजाकी टुकड़े के लिए एक अलग RNA प्राइमर का निर्माण होता है।
पश्चगामी रज्जुक (lagging strand) DNA द्विगुणन में होने वाली क्रिया है जिसमें आकाजाकी टुकड़ों में असतत् संश्लेषण होता है …