आनन्द शहर का प्रसिद्ध उद्योग मक्खन, पनीर एवं दूध उद्योग है।
एन्यूरिन के स्त्रोत अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं मांस आदि है।
ऐण्टी-रिकेट्स विटामिन के स्त्रोत अण्डा, दूध, मछली के यकृत का तेल है।
कार्बोहाइड्रेट के मुख्य स्त्रोत आलू, फल, अनाज, शर्करा, रोटी एवं दूध आदि है।
कुंठित वृद्धि रोग से बचने के लिए पीली एवं हरी पत्तीदार सब्जियों, गाजर, पपीता, आम, मक्का, दूध, मक्खन, जिगर एवं घी आदि का सेवन करना चाहिए।
कैल्सीफेरॉल के स्त्रोत अण्डा, दूध, मछली के यकृत का तेल है।
ग्रन्थियों में दूध के स्त्रावण का कार्य ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन का है।
ग्रन्थियों में दूध के स्त्रावण का कार्य किस हॉर्मोन का है?
थायमीन की पूर्ती के लिए अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं माँस आदि का सेवन करना चाहिए।
थायमीन के स्त्रोत अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं मांस आदि है।
दूध एक प्राकृतिक पायस है।
दूध के दही के रूप में जमने का कारण क्या है?
दूध के दही के रूप में जमने का कारण लैक्टोबैसिलस है।
दूध में 2.5 से 7 प्रतिशत वसा पायी जाती है।
दूध में 3 से 4 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है।
दूध में 4 से 6 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट्स पाया जाता है।
दूध में उपस्थित जीवाणु का कार्य लेक्टोस शर्करा को लेक्टिक अम्ल में परिवर्तित करना तथा पनीर एवं योगहर्ट का निर्माण करना है।
दूध में कितने प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट्स पाया जाता है?
दूध में कितने प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है?
दूध में कितने प्रतिशत वसा पायी जाती है?
दूध-पानी, प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट का मिश्रण है।
निकोटिनिक अम्ल का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।
निकोटिनिक अम्ल की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
नियासिन का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।
पंजाब में प्रति व्यक्ति दूध की दैनिक उपलब्धता 800 ग्राम है।
पंजाब राज्य में दूध की प्रति व्यक्ति सर्वाधिक दैनिक उपलब्धता है।
पर्नीसियस एनीमिया रोग से बचने के लिए यकृत के तेल, पनीर, दूध, माँस, मछली एवं अण्डे आदि का सेवन करना चाहिए।
पाइरीडॉक्सिन की पूर्ती के लिए दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि का सेवन करना चाहिए।
पाइरीडॉक्सिन के स्त्रोत दूध, यीस्ट, अनाज, माँस, जिगर एवं मछली आदि है।
पेलाग्रा रोग से बचने के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
पैन्टोथीनिक अम्ल की पूर्ती के लिए जिगर, माँस, दूध, टमाटर, मूँगफली, गन्ने एवं अण्डे आदि का सेवन करना चाहिए।
पैन्टोथीनिक अम्ल के स्त्रोत जिगर, माँस, दूध, टमाटर, मूँगफली एवं अण्डे आदि है।
प्रति-संक्रमण विटामिन की पूर्ती के लिए पीली एवं हरी पत्तीदार सब्जियाँ (पालक), गाजर, पपीता, आम, मक्का, दूध, घी आदि का सेवन करना चाहिए।
प्रतिदिन आवश्यक आयोडीन का स्त्रोत दूध, समुद्री भोजन एवं आयोडीनयुक्त नमक है।
प्रतिदिन आवश्यक कैल्सियम के स्त्रोत दूध, पनीर, हरी सब्जियाँ, फलियाँ एवं अनाज आदि है।
प्रतिदिन आवश्यक कोबाल्ट का स्त्रोत दूध, पनीर एवं माँस आदि है।
प्रतिदिन आवश्यक जिंक का स्त्रोत अनाज, दूध, अण्डा, माँस एवं समुद्री भोजन आदि है।
प्रतिदिन आवश्यक पोटैशियम के स्त्रोत माँस, दूध, अनाज, फल एवं सब्जियाँ आदि है।
प्रतिदिन आवश्यक फॉस्फोरस के स्त्रोत दूध, माँस एवं अनाज आदि है।
फोलिक अम्ल की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
बेरी-बेरी रोग से बचने के लिए अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं माँस का सेवन करना चाहिए।
भारत के किस राज्य में दूध की प्रति व्यक्ति सर्वाधिक दैनिक उपलब्धता है?
भारत में प्रति व्यक्ति दूध की दैनिक उपलब्धता 375 ग्राम है।
रतौंधी रोग से बचने के लिए पीली एवं हरी पत्तीदार सब्जियों, गाजर, पपीता, आम, मक्का, दूध, मक्खन, जिगर एवं घी आदि का सेवन करना चाहिए।
रेटिनॉल की पूर्ती के लिए पीली एवं हरी पत्तीदार सब्जियाँ (पालक), गाजर, पपीता, आम, मक्का, दूध, घी आदि का सेवन करना चाहिए।
रेटिनॉल के स्त्रोत पीली एवं हरी पत्तीदार सब्जियाँ (पालक), गाजर, पपीता, आम, मक्का, दूध, घी आदि है।
विटामिन-A की पूर्ती के लिए पीली एवं हरी पत्तीदार सब्जियाँ (पालक), गाजर, पपीता, आम, मक्का, दूध, घी आदि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन-A के स्त्रोत पीली एवं हरी पत्तीदार सब्जियाँ (पालक), गाजर, पपीता, आम, मक्का, दूध, घी आदि है।
विटामिन-B1 …
विटामिन-B1 की पूर्ती के लिए अनाज, फलियाँ, सोयाबीन, दूध, यीस्ट, अण्डे एवं माँस आदि का सेवन करना चाहिए।
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