DPT वेक्सीन का प्रयोग डिफ्थीरिया, पर्टुसिस या काली खाँसी एवं टिटनेस रोग के उपचार में किया जाता है।
DPT वेक्सीन का प्रयोग डिफ्थीरिया, पर्टुसिस या काली खाँसी एवं टिटनेस रोगों के रोकथाम के लिए किया जाता है।
DPT वेक्सीन क्यों दी जाती है?
DPT वेक्सीन डिफ्थीरिया, पर्टुसिस या काली खाँसी एवं टिटनेस जैसे रोगों के रोकथाम के लिए दी जाती है।
DPT वेक्सीन डिफ्थीरिया, पर्टुसिस या काली खाँसी तथा टिटनेस की रोकथाम के लिए दी जाती है।
काली खाँसी रोग के उपचार के लिए DPT वेक्सीन का प्रयोग किया जाता है।
काली खाँसी रोग के रोकथाम के लिए DPT वेक्सीन का प्रयोग किया जाता है।
काली खाँसी रोग के रोकथाम के लिए DPT वेक्सीन दी जाती है।
टिटनेस रोग के उपचार के लिए DPT वेक्सीन का प्रयोग किया जाता है।
टिटनेस रोग के रोकथाम के लिए DPT वेक्सीन दी जाती है।
टेटनेस रोग के रोकथाम के लिए DPT वेक्सीन का प्रयोग किया जाता है।
डिफ्थीरिया रोग के उपचार के लिए DPT वेक्सीन का प्रयोग किया जाता है।
डीफ्थीरिया रोग के रोकथाम के लिए DPT वेक्सीन का प्रयोग किया जाता है।
डीफ्थीरिया रोग के रोकथाम के लिए DPT वेक्सीन दी जाती है।
पर्टुसिस रोग के उपचार के लिए DPT वेक्सीन का प्रयोग किया जाता है।
पर्टुसिस रोग के रोकथाम के लिए DPT वेक्सीन का प्रयोग किया जाता है।
पर्टुसिस रोग के रोकथाम के लिए DPT वेक्सीन दी जाती है।