दो अभिकारक अणु की सान्द्रता पर निर्भर करने वाली अभिक्रिया को द्वितीय कोटि अभिक्रिया कहते है।
द्वितीय कोटि अभिक्रिया उस अभिक्रिया को कहते है जिसका वेग दो अभिकारक अणु की सान्द्रता बढ़ने पर या घटने पर प्रभावित होती है।
द्वितीय कोटि अभिक्रिया एक रासायनिक अभिक्रिया है जो अभिक्रिया में उपस्थित दो अभिकारकों की सांद्रता पर निर्भर करती है।
द्वितीय कोटि अभिक्रिया किस पर निर्भर करती है?
द्वितीय कोटि अभिक्रिया किसे कहा जाता है?
द्वितीय कोटि अभिक्रिया के उदाहरण …
द्वितीय कोटि अभिक्रिया के उदाहरण कौन-कौन से हैं?
द्वितीय कोटि अभिक्रिया क्या है?
द्वितीय कोटि अभिक्रिया दो अभिकारक अणु की सान्द्रता पर निर्भर करती है।