संगम साहित्य का द्वितीय संगम 3700 वर्षों तक चला था।
संगम साहित्य का द्वितीय संगम कितने वर्षों तक चला था?
संगम साहित्य के द्वितीय संगम का स्थान कपाटपुरम (वर्तमान अलवै-समुद्र में विलीन) था।
संगम साहित्य के द्वितीय संगम का स्थान कहां था?
संगम साहित्य के द्वितीय संगम के कार्यकारी अध्यक्ष अगत्तियार एवं तोलकाप्पियर थे।
संगम साहित्य के द्वितीय संगम में 59 पाण्ड्य राजाओं का संरक्षण था।
संगम साहित्य के द्वितीय संगम में उपलब्ध ग्रंथ का नाम क्या था?
संगम साहित्य के द्वितीय संगम में उपलब्ध ग्रंथ का नाम तोलकाप्पियम था।
संगम साहित्य के द्वितीय संगम में कितने पाण्ड्य राजाओं का संरक्षण था?
संगम साहित्य के द्वितीय संगम में भाग लेने वाले 3700 कवि थे।
संगम साहित्य के द्वितीय संगम में भाग लेने वाले 49 संस्थान के सदस्य थे।
संगम साहित्य के द्वितीय संगम में भाग लेने वाले कितने कवि थे?
संगम साहित्य के द्वितीय संगम में भाग लेने वाले कितने संस्थान के सदस्य थे?
संगम साहित्य के द्वितीय संगम में मानक ग्रंथ अक्कतियम् (अगस्त्यकृत), तोलकाप्पियम, मापुरानाम, इसै-नुनुक्कम्, भूतपुरानम्, केलि, कुरूकु, वेन्दालि एवं व्यालमलय आदि थे।
संगम साहित्य के द्वितीय संगम में मानक ग्रंथ कौन-कौन थे?