ईरानी शासकों ने सिन्ध तथा गांधार प्रदेशों पर अधिकार किया था।
कनिष्क के शासनकाल में कला की मथुरा शैली तथा गांधार शैली प्रसिद्ध थी।
कला की गांधार शैली में निर्मित बुद्ध तथा बोधिसत्य मूर्तियां ही विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
गांधार कला के अन्तर्गत सर्वाधिक बुद्ध की मूर्तियों का निर्माण हुआ है।
यूनानियों की हेलनेस्टिक कला बाद में गांधार शैली का रूप ले लिया था।
यूनानी-बौद्ध, इण्डोंग्रीक-रोमन कला गांधार शैली को कहा जाता है।
संगीत कला के सात स्वर साज, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत एवं निषाद है।
सिकन्दर के आक्रमण से यूनानी कला एवं भारतीय कला के समन्वय के परिणाम स्वरूप गांधार कला अस्तित्व में आई थी।