गौतम बुद्ध के प्रिय घोडे़ का नाम कंथक था।
घोड़े की अस्थियों का अवशेष किस स्थान से प्राप्त हुआ है?
घोड़े की अस्थियों का अवशेष सुरकोटदा स्थान से प्राप्त हुआ है।
महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था।
मुगल काल में स्वर्ण, चांदी, कच्चा रेशम एवं घोड़े आयात की जाती थी।
सल्तनत काल में तुर्किस्तान एवं ईरान से घोड़े के निर्यात का उल्लेख इब्नबतूता एवं मार्कोपोलो करता है।
सल्तनत काल में तुर्किस्तान एवं ईरान से घोड़े के निर्यात का उल्लेख कौन करता है?
सिकन्दर के प्रिय घोड़े का नाम बुकेफेलस था।
सुरकोतदा, कालीबंगन एवं लोथल से सैंधवकालीन घोड़े के अस्थिपंजर मिले है।