‘नागानन्द’ ग्रंथ के लेखक हर्षवर्धन है।
‘प्रियदर्शिका’ ग्रंथ के लेखक हर्षवर्धन है।
‘रत्नावली’ ग्रंथ के लेखक हर्षवर्धन है।
‘हर्षवर्धन’ वर्धनवंश का शासक था।
नागानन्द, प्रियदर्शिका एवं रत्नावली नामक नाटकों की रचना हर्षवर्धन ने की थी।
पुष्यभूति वंश का शासक हर्षवर्धन बौद्ध धर्म की महायान शाखा का समर्थक होने के साथ-साथ वैष्णव एवं शैव धर्म को भी मानता था।
पुष्यभूति वंश का शासक हर्षवर्धन राजगद्दी पर 606 ईसवी में बैठा था।
पुष्यभूति वंश का शासक हर्षवर्धन राजगद्दी पर कब बैठा था?
पुष्यभूति वंश का हर्षवर्धन शासक योद्धा के साथ-साथ एक प्रतिष्ठित कवि एवं नाटककार था।
पुष्यभूति वंश के शासक प्रभाकरवर्धन के दोनों पुत्रों का नाम राज्यवर्धन एवं हर्षवर्धन था।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन की प्राचीन राजधानी क्या थी?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन के दरबारी कवि का क्या नाम था?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन के दरबारी कवि का नाम बाणभट्ट था।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन के विषय में हमें व्यापक जानकारी बाणभट्ट द्वारा लिखित किस पुस्तक से मिलती है?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन के विषय में हमें व्यापक जानकारी बाणभट्ट द्वारा लिखित हर्षचरित पुस्तक से मिलती है।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन के शासनकाल में मंत्री परिषद् के मंत्री को आमात्य कहा जाता था।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन के शासनकाल में युद्ध एवं शान्ति का मंत्री किसे कहा जाता था?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन को दक्षिण के किस चालुक्य शासक ने आगे बढ़ने से रोक दिया था?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन को दक्षिण के चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय ने आगे बढ़ने से रोक दिया था।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन को सभी देवताओं का सम्मिलित अवतार किस पुस्तक में कहा गया है?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन को सभी देवताओं का सम्मिलित अवतार हर्षचरित पुस्तक में कहा गया है।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन द्वारा आयोजित ‘कन्नौज सभा’ किसके सम्मान में की गई थी?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन द्वारा आयोजित ‘कन्नौज सभा’ ह्वेनसांग के सम्मान में की गई थी।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन द्वारा आयोजित कन्नौज सभा में विभिन्न धर्मों एवं सम्प्रदयों के आचार्यों को बुलाया गया था।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन द्वारा आयोजित कौन सी सभा में विभिन्न धर्मों एवं सम्प्रदयों के आचार्यों को बुलाया गया था?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन द्वारा प्रयाग में प्रतिवर्ष आयोजित सभा को ‘मोक्ष परिषद्’ कहा जाता था।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन द्वारा प्रयाग में प्रतिवर्ष आयोजित सभा को क्या कहा जाता था?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने अपनी राजधानी कन्नौज में बनाई थी।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने अपनी राजधानी कहां बनाई थी?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने अपने दूत चीन 641 ईसवी में भेजे थे।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने अपने दूत चीन कब भेजे थे?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने कुल 41 वर्षों तक शासन किया था।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने कुल कितने वर्षों तक शासन किया था?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने कौन-कौन सी उपाधियां धारण की थी?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने परमभट्टारक तथा उत्तरापथस्वामी की उपाधियां धारण की थी।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने मगधराज की उपाधि कब धारण की थी?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने विशाल धार्मिक सभाओं का आयोजन कन्नौज एवं प्रयाग में किया था।
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने विशाल धार्मिक सभाओं का आयोजन कहां-कहां किया था?
शिलादित्य के नाम से पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन को जाना जाता है।
हर्षवर्धन का शासन काल 606-647 ईसवी तक था।
हर्षवर्धन का शासन काल कब से कब तक था?
हर्षवर्धन कितने वर्ष की उम्र में गद्दी पर बैठा था?
हर्षवर्धन किस वंश का शासक था?
हर्षवर्धन ने किस उपाधि को धारण किया था?
हर्षवर्धन ने शिलादित्य की उपाधि को धारण किया था।
ह्वेनसॉग हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया था।