आर्यों के सर्वाधिक प्रिय देवता इन्द्र थे।
उत्तरवैदिक काल में इन्द्र के स्थान पर सर्वाधिक प्रिय देवता प्रजापति थे।
ऋग्वेद में इन्द्र के लिए 250 ऋचाओं की रचना की गई है।
ऋग्वेद में इन्द्र के लिए कितनी ऋचाओं की रचना की गई है?
ऋग्वैदिक काल में युद्ध का नेता एवं वर्षा के देवता का सम्बन्ध इन्द्र देवता से था।
श्रीलंका के शासक महेन्द्र पंचम से इन्द्र का निर्मलहार चोल शासक राजेन्द्र प्रथम ने छीना था।
संगम युग में इन्द्र, मुरूगन, शिव, विष्णु, कृष्ण, बलराम को संयुक्त रूप से ‘देववृन्द’ कहा जाता था।