कनिष्क के सिक्के यूनानी एवं ईरानी भाषा में थे।
क्षत्रप प्रणाली का विकास ईरानी आक्रमण के कारण हुआ था।
बलबन ने अपने दरबार को ईरानी परम्परा के आधार पर सजाया था।