मुगल साम्राज्य में मनसबदारों के ‘जात’ दर्जे का अभिप्राय मनसबदार को कितनी संख्या में हाथी घोड़े तथा समान ढोने की बैलगाड़ीया रखनी थी।
मुगल साम्राज्य में मनसबदारों के दो दर्जे जात एवं सवार दिए जाते थे।