‘जिसने मोक्ष प्राप्त किया हो’ जैन सिद्धों की तीर्थंकर श्रेणी में आता है।
‘जैन भिक्षु समूह के प्रमुख को’ जैन सिद्धों की आचार्य श्रेणी में रखा गया है।
‘जैन शिक्षक’ को जैन सिद्धों की उपाध्याय श्रेणी में रखा गया है।
‘जो निर्वाण प्राप्ति की ओर अग्रसर हो’ जैन सिद्धों की अर्हत श्रेणी में आता है।
जैन सिद्धों की पांच श्रेणियां तीर्थंकर, अर्हत, आचार्य, उपाध्याय एवं साधु हैं।
जैन सिद्धों की पांच श्रेणियां हैं।
सभी जैन भिक्षु को जैन सिद्धों की साधु श्रेणी में रखा गया है।