‘हुमायूँ जीवन भर लड़खड़ाता रहा और लड़खड़ाते हुए अपनी जान दी’ यह बात किसने कही थी?
‘हुमायूँ जीवन भर लड़खड़ाता रहा और लड़खड़ाते हुए अपनी जान दी’ यह बात लेनपूल ने कही थी।