कत्थक (कथवरी नटवरी) नृत्य के कितने अंग होते है?
कत्थक (कथवरी नटवरी) नृत्य के दो अंग कौन-कौन से होते हैं?
कत्थक (कथवरी नटवरी) नृत्य के दो अंग ताण्डव एवं लास्य होते हैं।
कत्थक (कथवरी नटवरी) नृत्य के दो अंग होते है।
कत्थक का क्या तात्पर्य है?
कत्थक नृत्य में वन्दना, आमद, थाट, तोड़ा,चक्करदार तोड़ा, परण, कवित, गत निकांस, गत भाव, पद संचालन है।
कत्थक मूलतः उत्तर भारत का शास्त्रीय नृत्य है।
कत्थक मूलतः कहां का शास्त्रीय नृत्य है?
भारत में शास्त्रीय नृत्य के मुख्यतः सात भाग भरतनाट्यम, कथकली, कुचिपुड़ी, ओडिसी, कत्थक, मणिपुरी और मोहिनीअट्टम है।