कूलॉम के नियम के अनुसार, दो स्थिर बिन्दु-आवेशों के बीच लगने वाला आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण बल दोनों आवेशों की मात्राओं के गुणनफल के समानुपाती (अनुक्रमानुपाती) तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
कूलॉम के नियम में प्रयुक्त किए गए नियतांक को K से प्रदर्शित किया जाता है।
कूलॉम के नियम में प्रयुक्त किए गए नियतांक को किससे प्रदर्शित किया जाता है?
कूलॉम के नियम में प्रयुक्त किया गया नियतांक जिसे K से प्रदर्शित किया जाता है, उसे परावैद्युत (dielectric) कहते है।
कूलॉम के नियम में प्रयुक्त किया गया नियतांक जिसे K से प्रदर्शित किया जाता है, उसे परावैद्युतांक कहते है।
कूलॉम के नियम में प्रयुक्त किया गया नियतांक जिसे K से प्रदर्शित किया जाता है, उसे विशिष्ट परावैद्युतता (Specific inductive capacity) कहते है।