मुगल काल में कृषक वर्ग ‘खुदकाश्त’ का कार्य उसी भूमि पर खेती करते, जहां के वे निवासी थे।
मुगल काल में कृषक वर्ग पाहीकाश्त का कार्य किसान दूसरे गांव जाकर बंटाइदार के रूप में कृषि करते थे।
मुगल काल में कृषक वर्ग मुजारियन का कार्य खुदकाश्त कृषकों से भूमि किराए पर लेकर कृषि का कार्य करते थे।