अजन्ता के चित्रों का निर्माण शुंग, कुषाण एवं गुप्त वंश के राजाओं के समय हुआ था।
अभिधम्मपिटक की रचना कुषाण काल में की गई थी।
किससे व्यापार करने के लिए रोम को कुषाणों से मधुर सम्बन्ध बनाने पड़े थे?
कुषाण की मुद्राओं पर शिव एवं नन्दी का एक साथ अंकन प्राप्त होता है।
कुषाण राजा द्वारा धारण उपाधि ‘देवपुत्र’ को चीनियों से लिया गया था।
कुषाण राजा ने देवपुत्र उपाधि को धारण किया था।
कुषाण वंश का अन्तिम शासक कौन था?
कुषाण वंश का अन्तिम शासक वासुदेव था।
कुषाण वंश का सबसे प्रतापी शासक कनिष्क था।
कुषाण शासक को ‘देवपुत्र’ कहा जाता था।
कुषाण शासन में विभिन्न दिशाओं से आने वाले माल के संग्रह स्थल के रूप में तक्षशिला प्रसिद्ध था।
कुषाणों के शासनकाल में भारत में इथोपिया से हाथी दांत एवं सोना आता था।
कुषाणों में मृत शासकों की मूर्तियों को कहां रखा जाता था?
कुषाणों में मृत शासकों की मूर्तियों को मन्दिरों में रखा जाता था।
चीन से व्यापार करने के लिए रोम को कुषाणों से मधुर सम्बन्ध बनाने पड़े थे।
चीनी स्रोतों के अनुसार कुषाण चीन के पश्चिमोत्तर क्षेत्र के किस कबीले के थे?
चीनी स्रोतों के अनुसार कुषाण चीन के पश्चिमोत्तर क्षेत्र के यू-ची कबीले के थे।
नागार्जुन, अश्वघोष एवं वसुमित्र कुषाण शासक के समकालिन थे।
पारसीक क्षत्रप प्रणाली का प्रयोग भारत में शक तथा कुषाण वंश के शासकों ने किया था।
भारत में कुषाण वंश की स्थापना 15 ईसवी में हुई थी।
भारत में कुषाण वंश की स्थापना कुजुल कडफिसेस ने की थी।
भारत में कुषाणों का प्रवेश 45 ईसवी में हुआ था।
भारत में कुषाणों का प्रवेश कब हुआ था?
सर्वाधिक शुद्ध सोने के सिक्के कुषाण शासकों ने चलाये थे।