चीन-रोम व्यापार से कुषाणों को बहुत अधिक आय प्राप्त होती थी।
पहलवों का साम्राज्य कुषाणों ने विजित (जीता) कर लिया था।
सेना में घुड़सवारी की दक्षता, सैनिक वेशभूषा एवं व्यूह रचना के क्षेत्र में भारत को नई जानकारियां कुषाणों ने दी थी।