औषधि के रूप में फॉस्फोरस-32 का प्रयोग ल्यूकीमिया रोग के निदान में किया जाता है।
ल्यूकीमिया रोग अस्थि मज्जे में प्रारम्भ होता है।
ल्यूकीमिया रोग कहाँ प्रारम्भ होता है?
श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ने से ल्यूकीमिया रोग होता है।
श्वेत रूधिर कणिकाओं की संख्या बढ़ने से ल्यूकीमिया रोग होता है।
श्वेत रूधिर कोशिकाओं की संख्या बढ़ने से ल्यूकीमिया रोग होता है।
सफेद रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ने से ल्यूकीमिया रोग होता है।
सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ने से ल्यूकीमिया रोग होता है।
सफेद रूधिर कणिकाओं की संख्या बढ़ने से ल्यूकीमिया रोग होता है।
सफेद रूधिर कोशिकाओं की संख्या बढ़ने से ल्यूकीमिया रोग होता है।