कुषाणों में मृत शासकों की मूर्तियों को मन्दिरों में रखा जाता था।
चंदेल शासक धंगदेव ने विश्वनाथ, वैद्यनाथ तथा जिन्ननाथ मन्दिरों का निर्माण करवाया था।
चालुक्य और होयसल मन्दिरों की मूर्तियाँ किस दृष्टि से सुन्दर हैं?
चालुक्य और होयसल मन्दिरों की मूर्तियाँ शुद्ध अलंकरण की दृष्टि से सुन्दर हैं।
चालुक्य और होयसल मन्दिरों की सुन्दर मूर्तियाँ 12वीं शताब्दी की हैं।
चालुक्य और होयसल मन्दिरों की सुन्दर मूर्तियाँ किस शताब्दी की हैं?
चोलकाल में मन्दिरों के प्रवेश द्वार गोपुरम् कहलाते थे।
जैन एवं ब्राह्मण धर्म के मन्दिरों का निर्माण चालुक्य शासक कुमारपाल ने करवाया था।
भोज परमार ने केदारेश्वर, सोमेश्वर, सोमनाथ, रामेश्वर तथा सुंडार मन्दिरों का निर्माण कराया था।