‘चैंबर्स ऑफ कॉमर्स’ के लिए अलग प्रतिनिधित्व का प्रावधान 1909 के मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम के द्वारा किया गया था।
1909 ई0 के मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम के द्वारा केन्द्रीय विधान सभा में अतिरिक्त सदस्यों की संख्या 16 से बढ़ाकर 60 कर दी गयी थी।
जमींदारों के लिए अलग प्रतिनिधित्व का प्रावधान 1909 के मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम के द्वारा किया गया था।
प्रेसीडेंसी कॉर्पोरेशन के लिए अलग प्रतिनिधित्व का प्रावधान 1909 के मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम के द्वारा किया गया था।
विश्वविद्यालयों के लिए अलग प्रतिनिधित्व का प्रावधान 1909 के मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम के द्वारा किया गया था।
सर्वप्रथम किसी भारतीय को गवर्नर की कार्य परिषद के साथ एसोसिएशन बनाने का प्रावधान 1909 के मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम के अन्तर्गत किया गया था।
साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व का प्रावधान 1909 के मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम की मुख्य विशेषता थी।