उपकुल-पैपिलियोनेटी के पौधों से मटर, चना, लोबिया, अरहर, मसूर, मूँग एवं उरद की दालें प्राप्त होती है।
उपकुल-फेबेसी के पौधों से मटर, चना, लोबिया, अरहर, मसूर, मूँग एवं उरद की दालें प्राप्त होती है।
निकोटिनिक अम्ल का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।
निकोटिनिक अम्ल की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
नियासिन का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।
पेलाग्रा रोग से बचने के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
प्रतीप स्थिति के आधार पर बीजाण्ड का एक रूप है जिसमें बीजाण्ड सीधे नहीं होते या उल्टा होते है …
फोलिक अम्ल की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
मटर (Pea) का वानस्पतिक नाम ‘पाइजम सटिवम’ है।
मटर (Pea) का वानस्पतिक नाम क्या है?
मटर किस ऋतु की प्रमुख फसल है?
मटर के पौधों के बीज अभ्रूणपोषी होते है।
मटर के पौधों के बीज कैसे होते है?
मटर रबी ऋतु की प्रमुख फसल है।
विटामिन-B3 का मुख्य स्त्रोत यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डा, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि है।
विटामिन-B3 की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन-B9 की पूर्ती के लिए यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अण्डे, दूध, मटर, मेवा एवं फलियाँ आदि का सेवन करना चाहिए।