मौर्य काल में एक जगह स्थिर होकर गुप्तचरी करने वाले को क्या कहते थे?
मौर्य काल में एक जगह स्थिर होकर गुप्तचरी करने वाले को संस्था कहते थे।
मौर्य काल में कितने प्रकार के गुप्तचर (गूढ़ पुरूष) होते थे?
मौर्य काल में किस धातु की आहत मुद्रायें चलती थी?
मौर्य काल में घूम-घूम कर गुप्तचरी करने वाले को क्या कहते थे?
मौर्य काल में घूम-घूम कर गुप्तचरी करने वाले को संचार कहते थे।
मौर्य काल में चांदी की आहत मुद्राओं पर किस प्रकार की मुहर अंकित होती थी?
मौर्य काल में चांदी की आहत मुद्राओं पर मयूर, पर्वत और अर्द्धचंद्र की मुहर अंकित होती थी।
मौर्य काल में चांदी धातु की आहत मुद्रायें चलती थी।
मौर्य काल में जनपद न्यायाधीश को क्या कहते थे?
मौर्य काल में जनपद न्यायाधीश को राज्जुक कहते थे।
मौर्य काल में दीवानी न्यायालय को क्या कहा जाता था?
मौर्य काल में दीवानी न्यायालय को धर्मस्थीय कहा जाता था।
मौर्य काल में दूरी मापने की इकाई को 10 स्टेडिया कहा जाता था।
मौर्य काल में दूरी मापने की इकाई को क्या कहा जाता था?
मौर्य काल में दो प्रकार के (संस्था एवं संचार) प्रकार के गुप्तचर (गूढ़ पुरूष) होते थे।
मौर्य काल में नगर न्यायाधीश को क्या कहते थे?
मौर्य काल में नगर न्यायाधीश को व्यावहारिक महामात्र कहते थे।
मौर्य काल में निजी खेती करने पर राजा को उपज का 1/6 भाग दिया जाता था।
मौर्य काल में निजी खेती करने पर राजा को उपज का कितना भाग दिया जाता था?
मौर्य काल में न्यायालय (दीवानी एवं फौजदारी) दो प्रकार की होती थी।
मौर्य काल में न्यायालय कितने प्रकार की होती थी?
मौर्य काल में पश्चिमी तट पर प्रमुख बन्दरगाह कौन-कौन थे?
मौर्य काल में पश्चिमी तट पर प्रमुख बन्दरगाह सोपारा एवं भड़ौच (भृगुकच्छ) थे।
मौर्य काल में पूर्वी तट पर प्रमुख बन्दरगाह का क्या नाम था?
मौर्य काल में पूर्वी तट पर प्रमुख बन्दरगाह का नाम ताम्रलिप्ति था।
मौर्य काल में फौजदारी न्यायालय को कण्टकशोधन कहते थे।
मौर्य काल में फौजदारी न्यायालय को क्या कहते थे?
मौर्य काल में बलि (कर) एक प्रकार का भू-राजस्व था।
मौर्य काल में बलि (कर) किस प्रकार का राजस्व था?
मौर्य काल में बिना वर्षा के भी अच्छी खेती होने वाली भूमि को अदेवमातृक कहते थे।
मौर्य काल में बिना वर्षा के भी अच्छी खेती होने वाली भूमि को क्या कहते थे?
मौर्य काल में ब्याज को क्या कहा जाता था?
मौर्य काल में ब्याज को रूपिका एवं परीक्षण कहा जाता था।
मौर्य काल में भारत का व्यापार किन-किन देशों से होता था?
मौर्य काल में भारत का व्यापार रोम, फारस, सीरिया, मिस्र आदि देशों से होता था।
मौर्य काल में मार्ग निर्माण के विशेष अधिकारी को एग्रोनोमई कहा जाता था।
मौर्य काल में मार्ग निर्माण के विशेष अधिकारी को क्या कहा जाता था?
मौर्य काल में राजकीय भूमि से होने वाली आय को क्या कहते थे?
मौर्य काल में राजकीय भूमि से होने वाली आय को सीता कहते थे।
मौर्य काल में राज्य की अर्थ-व्यवस्था किस पर आधारित थी?
मौर्य काल में राज्य की अर्थ-व्यवस्था कृषि, पशुपालन और वाणिज्य पर आधारित थी।
मौर्य काल में व्यापारियों की श्रेणी के प्रधान को क्या कहा जाता था?
मौर्य काल में व्यापारियों की श्रेणी के प्रधान को सार्थवाह कहा जाता था।
मौर्य काल में हिरण्य कर किस रूप में लिया जाता था?
मौर्य काल में हिरण्य कर नकद के रूप में लिया जाता था।
सांची स्तूप (विदिशा) के निर्माण का सम्बंध मौर्य काल से है।
स्त्री गुप्तचर को मौर्य काल में कौन-कौन नामों से जाना जाता था?
स्त्री गुप्तचर को मौर्य काल में वृषली, भिक्षुकी एवं परिव्राजक नामों से जाना जाता था।