जैन धर्म के उपदेश भिक्षुओं के कर्तव्य का वर्णन मूलसूत्र में मिलता है।
जैन साहित्य में मूलसूत्र की 4 संख्या है।
जैन साहित्य में मूलसूत्र की संख्या कितनी है?
मूलसूत्र की संख्या कितनी है?
मूलसूत्र की संख्या चार है।