किस असमिया भाषा के प्रसिद्ध कवि ने मूर्तिपूजा और कर्मकांड दोनों का विरोध किया था?
शंकरदेव असमिया भाषा के प्रसिद्ध कवि ने मूर्तिपूजा और कर्मकांड दोनों का विरोध किया था।