कुषाण की मुद्राओं पर शिव एवं नन्दी का एक साथ अंकन प्राप्त होता है।
मौर्य काल में चांदी की आहत मुद्राओं पर मयूर, पर्वत और अर्द्धचंद्र की मुहर अंकित होती थी।
वासुदेव के शासनकाल में मुद्राओं पर शिव तथा नन्दी की आकृतियां उत्कीर्ण मिलती थी।
स्कन्दगुप्त की स्वर्ण मुद्राओं पर क्रमादित्य उपाधि अंकित है।
हड़प्पा काल की मुद्राओं के निर्माण में मुख्य रूप से किसका प्रयोग किया गया था?
हड़प्पा काल की मुद्राओं के निर्माण में मुख्य रूप से टेराकोटा का प्रयोग किया गया था।