‘मस्टर्ड गैस’ का रासायनिक नाम डाईक्लोरो डाइइथाइल सल्फाइड है।
एथिलीन की सल्फर मोनो क्लोराइड से क्रिया कराने पर मस्टर्ड गैस का निर्माण होता है।
एथिलीन के द्वारा मस्टर्ड गैस का निर्माण एथिलीन की सल्फर मोनो क्लोराइड से क्रिया कराने पर होता है।
एथिलीन के द्वारा मस्टर्ड गैस का निर्माण कैसे होता है?
मस्टर्ड गैस – एक रंगहीन तेलीय द्रव, गलनांक 13-14°C, क्वथनांक 215-217°C इसका निर्माण C 30-35°C पर सल्फर मोनोक्लोराइड को ऐथिलीन के साथ अभिक्रिया से किया जाता है।
मस्टर्ड गैस के निर्माण में एथिलीन का प्रयोग किया जाता है।
मस्टर्ड गैस के निर्माण में किसका प्रयोग किया जाता है?
मस्टर्ड गैस क्या है?
सल्फर मोनो क्लोराइड के द्वारा मस्टर्ड गैस का निर्माण कैसे होता है?
सल्फर मोनो क्लोराइड के द्वारा मस्टर्ड गैस का निर्माण सल्फर मोनो क्लोराइड से एथिलीन की क्रिया कराने के फलस्वरूप होता है।