उग्रवादी एवं उदारवादी नेताओं के पुनर्मिलन की प्रक्रिया में एनी बेसेन्ट एवं बाल गंगाधर तिलक ने भूमिका निभाई थी।
भारतीय नेताओं ने संविधान के सिद्धांतों को निर्धारित करने के लिए दूसरे सर्वदलीय सम्मेलन का आयोजन 11 मई, 1928 ई० को किया था।