द्वैताद्वैतवाद दर्शन के प्रवर्तक निम्बार्काचार्य थे।
वेदपरिजात सौरभ की रचना निम्बार्काचार्य ने की थी।
सनक सम्प्रदाय का सम्बन्ध निम्बार्काचार्य संत से था।
सनक सम्प्रदाय के संस्थापक निम्बार्काचार्य थे।