‘जो निर्वाण प्राप्ति की ओर अग्रसर हो’ जैन सिद्धों की अर्हत श्रेणी में आता है।
जैन धर्म के अनुसार निर्वाण प्राप्ति के लिये किसका अनुशीलन आवश्यक है?
जैन धर्म के अनुसार निर्वाण प्राप्ति के लिये त्रिरत्न का अनुशीलन आवश्यक है।