चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी ‘उपरिक’ प्रांत के राज्यपाल को कहते थे।
चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी ‘कुमारामात्य’ प्रशासनिक अधिकारी कहलाता था।
चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी ‘दण्डपाशिक’ पुलिस विभाग का प्रधान कहलाता था।
चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी ‘बलाधिकृत’ सैन्य कोष का अधिकारी कहलाता था।
चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी ‘महादण्डनायक’ मुख्य न्यायाधीश कहलाता था।
चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी ‘महाप्रतिहार’ क्या कहलाता था?
चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी ‘महाप्रतिहार’ मुख्य दौवारिक कहलाता था।
पंचायत समिति का सचिव ‘प्रखण्ड विकास पदाधिकारी’ होता है।
प्रखण्ड का प्रधान ‘प्रखण्ड विकास पदाधिकारी (B.D.O)’ होता है।
समुद्रगुप्त के पदाधिकारी कुमारामात्य गुप्त साम्राज्य के सबसे बड़े अधिकारी को कहते थे।
समुद्रगुप्त के पदाधिकारी खाद्यत्याकिका राजकीय भोजनालय के अध्यक्ष को कहते थे।
समुद्रगुप्त के पदाधिकारी महादण्डनायक किसको कहते थे?
समुद्रगुप्त के पदाधिकारी महादण्डनायक न्यायाधीश को कहते थे।
समुद्रगुप्त के पदाधिकारी संधि एवं युद्ध का मंत्री सन्धिविग्रहक कहलाता था।