झारखंड के पलामू जिले में तीन अनुमंडल है।
झारखंड के पलामू जिले में मेदिनीनगर, छतरपुर एवं हुसैनाबाद अनुमंडल है।
झारखंड में ‘उरांव जनजाति’ का मुख्य निवास क्षेत्र संथाल परगना एवं पलामू है।
झारखंड में ‘किसान जनजाति’ का मुख्य निवास क्षेत्र पलामू है।
झारखंड में ‘कोरबा जनजाति’ का मुख्य निवास क्षेत्र पलामू है।
झारखंड में ‘खरवार जनजाति’ का मुख्य निवास क्षेत्र पलामू है।
झारखंड में ‘चेरो जनजाति’ का मुख्य निवास क्षेत्र पलामू है।
झारखंड में ‘परहइया जनजाति’ का मुख्य निवास क्षेत्र पलामू है।
झारखंड में ‘हो जनजाति’ का मुख्य निवास क्षेत्र पलामू एवं संथाल परगना है।
झारखंड में पलामू किन खनिज उत्पादनों के लिए प्रसिद्ध है?
झारखंड में पलामू किन खनिज पदार्थों के लिए प्रसिद्ध है?
झारखंड में पलामू लौह-अयस्क एवं अभ्रक उत्पादनों के लिए प्रसिद्ध है।
झारखंड में पलामू लौह-अयस्क एवं अभ्रक के लिए प्रसिद्ध है।
पलामू किन खनिज उत्पादनों के लिए प्रसिद्ध है?
पलामू किन खनिज पदार्थों के लिए प्रसिद्ध है?
पलामू किन खनिजों के उत्खनन के लिए प्रसिद्ध है?
पलामू में चेरो विद्रोह 1800 ई० में हुआ था।
पलामू में चेरो विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?
पलामू में चेरो विद्रोह का नेतृत्व भूखन सिंह ने किया था।
पलामू में चेरो विद्रोह किस वर्ष हुआ था?
पलामू लौह-अयस्क एवं अभ्रक के लिए प्रसिद्ध है।
पलामू लौह-अयस्क एवं अभ्रक खनिज उत्पादनों के लिए प्रसिद्ध है।
पलामू लौह-अयस्क एवं अभ्रक खनिजों के उत्खनन के लिए प्रसिद्ध है।