गोविन्द तृतीय ने अपने विरूद्ध खड़े पल्लव, पाण्ड्य, केरल एवं गंगों को सम्मिलित संघ को पराजित किया था।
ग्रंथ लिपि का प्रयोग पल्लव एवं चोल शासकों द्वारा किया जाता था।
जब सातवाहन शक्ति का पतन हो रहा था तो उस समय पल्लव राजवंश की स्थापना हुई थी।
दक्षिण भारत में शैवधर्म चालुक्य, राष्ट्रकूट, पल्लव एवं चोल शासकों के समय लोकप्रिय था।
पल्लवों की राजधानी कांची थी।
पल्लवों की राजधानी क्या थी?
राष्ट्रकूट, पल्लवों एवं पाण्ड्यों को वेंगी चालुक्य के किस शासक ने पराजित किया था?
राष्ट्रकूट, पल्लवों एवं पाण्ड्यों को वेंगी चालुक्य के शासक विजयादित्य तृतीय ने पराजित किया था।
विजयालय पल्लवों का क्या था?
विजयालय पल्लवों का सामंत था।