पुलकेशिन द्वितीय ने हर्ष को पराजित कर ‘परमेश्वर उपाधि’ धारण की थी।
राष्ट्रकूट वंश के शासक दंतिदुर्ग ने महाराजाधिराज, परमेश्वर एवं परमभट्टारक की उपाधि धारण की थी।