पूजा

अशोक बौद्ध धर्म अपनाने से पहले शिव भगवान की पूजा करता था।

आर्य समाज के लोग मनुष्य एवं देवता के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभानेवाले अग्नि देवता के रूप में पूजा करते थे।

गुप्तकाल में त्रिमूर्ति के अन्तर्गत ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा आरम्भ हुई थी।

ताम्रपाषाण काल के लोग किस देवी की पूजा करते थे?

ताम्रपाषाण काल के लोग मातृदेवी की पूजा करते थे।

धरती को उर्वरता की देवी मानकर उसकी पूजा सिन्धु सभ्यता के लोग करते थे।

पूर्व-वैदिक धर्म अर्थात् सिन्धु धर्म का महत्वपूर्ण अवयव पशुपति महादेव की पूजा करना था।

फारस सभ्यता की जाति के लोग अग्नि, सूर्य, चन्द्रमा तथा वायु की पूजा करते थे।

महायान शाखा के अन्तर्गत भगवान बुद्ध की पूजा मूर्तिरुप में होने लगी थी।

यूरोपवासी शुक्र ग्रह की पूजा देवी के रुप में करते हैं।

शिव की व्यापक स्तर पर पूजा लिंग के रूप में होती है।

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