कार्य के अनुसार दिष्टकारी दो प्रकार का होता है।
कार्य के अनुसार दिष्टकारी दो प्रकार के होते है।
दिष्टकारी दो प्रकार का होता है।
दिष्टकारी दो प्रकार की होती है।
पूर्ण तरंग दिष्टकारी एक दिष्टकारी है जो प्रत्यावर्ती धारा के दोनों अर्द्धचक्रों को एकदिशीय धारा अर्थात् दिष्ट धारा में परिवर्तित कर देता है।
पूर्ण तरंग दिष्टकारी एक सरल दिष्टकारी को कहते है जो प्रत्यावर्ती धारा के दोनों अर्द्धचक्रों को दिष्ट धारा में परिवर्तित कर देता है।
पूर्ण तरंग दिष्टकारी किसे कहते है?
पूर्ण तरंग दिष्टकारी क्या है?
पूर्ण तरंग दिष्टकारी में उर्मिका गुणांक का मान 0.482 होता है।
पूर्ण तरंग दिष्टकारी में उर्मिका गुणांक का मान कितना होता है?
पूर्ण तरंग दिष्टकारी में कितने डायोड होते है?
पूर्ण तरंग दिष्टकारी में दो डायोड होते है।
वह दिष्टकारी जो प्रत्यावर्ती धारा के दोनों अर्द्धचक्रों को दिष्ट धारा में परिवर्तित करता है, उसे पूर्ण तरंग दिष्टकारी कहते है।
वह दिष्टकारी जो प्रत्यावर्ती वोल्टेज के दोनों अर्द्धचक्रों को दिष्ट वोल्टेज में परिवर्तित करता है, उसे पूर्ण तरंग दिष्टकारी कहते है।
वह सरल दिष्टकारी जिसमें दो डायोड होते है, उसे पूर्ण तरंग दिष्टकारी कहते है।