प्राथमिक कुण्डली

एक अपचयी ट्रांसफॉर्मर में 5000 और 500 फेरे हैं। प्राथमिक कुण्डली में 2200 वोल्ट पर पर 4 ऐम्पियर की प्रत्यावर्ती धारा भेजी जाती है। द्वितियक कुण्डली में धारा का मान 40 ऐम्पियर होगा।

एक अपचयी ट्रांसफॉर्मर में 5000 और 500 फेरे हैं। प्राथमिक कुण्डली में 2200 वोल्ट पर पर 4 ऐम्पियर की प्रत्यावर्ती धारा भेजी जाती है। द्वितियक कुण्डली में धारा का मान कितना होगा?

एक आयताकार क्रोड पर बने ट्रांसफॉर्मर के क्रोड की लम्बाई और चौड़ाई को दोगुना कर दिया जाता है तथा फेरों की संख्या को अपरिवर्तित रखा जाता है, तो उसकी प्राथमिक कुण्डली का स्वप्रेरक गुणांक 8 गुना हो जाता है।

एक आयताकार क्रोड पर बने ट्रांसफॉर्मर के क्रोड की लम्बाई और चौड़ाई को दोगुना कर दिया जाता है तथा फेरों की संख्या को अपरिवर्तित रखा जाता है, तो उसकी प्राथमिक कुण्डली का स्वप्रेरक गुणांक कितने गुना हो जाता है?

एक ट्रांसफॉर्मर का प्रयोग 220 V से 11 V घटाने में किया जाता है। प्राथमिक कुण्डली में 5 A धारा तथा द्वितीयक कुण्डली में 90 A धारा बहती है, तो ट्रांसफॉर्मर की दक्षता 90 प्रतिशत होगी।

एक ट्रांसफॉर्मर का प्रयोग 220 V से 11 V घटाने में किया जाता है। प्राथमिक कुण्डली में 5 A धारा तथा द्वितीयक कुण्डली में 90 A धारा बहती है, तो ट्रांसफॉर्मर की दक्षता कितनी होगी?

जिस कुण्डली में धारा प्रवाहित की जाती है वह प्राथमिक एवं दूसरी कुण्डली को द्वितीयक कुण्डली कहते हैं।

प्राथमिक कुण्डली क्या है?

प्राथमिक कुण्डली ट्राँसफॉर्मर या प्रेरण कुण्डली के निवेशी सिरों पर प्रयुक्त कुण्डली है।

यदि किसी क्षण पर प्राथमिक कुण्डली में बहने वाली धारा I1 है, तब द्वितीयक कुण्डली में सम्बद्ध फ्लक्स …

यदि किसी क्षण पर प्राथमिक कुण्डली में बहने वाली धारा I1 है, तब द्वितीयक कुण्डली में सम्बद्ध फ्लक्स क्या होगा?

यदि किसी क्षण पर प्राथमिक कुण्डली में बहने वाली धारा I1 है, तब द्वितीयक कुण्डली में सम्बद्ध फ्लक्स ज्ञात करने का सूत्र …

यदि किसी क्षण पर प्राथमिक कुण्डली में बहने वाली धारा I1 है, तब द्वितीयक कुण्डली में सम्बद्ध फ्लक्स ज्ञात करने का सूत्र क्या होगा?

वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से अधिक होती है, उसे उच्चायी ट्रांसफॉर्मर कहते है।

वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से अधिक होती है, उसे क्या कहते है?

वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से कम होती है, उसे अपचायी ट्रांसफॉर्मर कहते है।

वह ट्रांसफॉर्मर जिसमें उपस्थित द्वितियक कुण्डली में फेरों की संख्या प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या से कम होती है, उसे क्या कहते है?

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