प्रत्यास्थता किसी पिण्ड का वह गुण है, जिससे वह प्रत्यारोपित बल को हटाने पर अपनी प्रारंभिक आकृति एवं आकार को पुन: प्राप्त कर लेता है तथा उत्पन्न विरूपण प्रत्यास्थ विरूपण कहलाता है।
प्रत्यास्थता क्या हैं?
हाइगेन्स के सिद्धान्त के अनुसार माध्यम ईथर की प्रत्यास्थता अधिक होती है।