बौद्ध संघ में प्रवेश से अल्पवयस्क, चोर, हत्यारे, ऋणी, राजा के सेवक, दासी तथा रोगी वंचित थे।
भारत में कुषाणों का प्रवेश 45 ईसवी में हुआ था।
भारत में कुषाणों का प्रवेश कब हुआ था?