किस अभिलेख के अनुसार पुलकेशिन द्वितीय को नरसिंह वर्मन प्रथम ने तीन युद्धों में पराजित किया था?
कुर्रम अभिलेख के अनुसार पुलकेशिन द्वितीय को नरसिंह वर्मन प्रथम ने तीन युद्धों में पराजित किया था।
चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय की राजधानी का क्या नाम था?
चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय की राजधानी का नाम वातापी था।
पुलकेशिन द्वितीय 609 ईसवी में शासक बना था।
पुलकेशिन द्वितीय का संरक्षक कौन था?
पुलकेशिन द्वितीय का संरक्षक चाचा मंगलेश था।
पुलकेशिन द्वितीय किस राजवंश से सम्बन्धित है?
पुलकेशिन द्वितीय किस वंश का शासक था?
पुलकेशिन द्वितीय को ‘दक्षिण का स्वामी’ हर्ष ने स्वीकार किया था।
पुलकेशिन द्वितीय को किस पल्लव शासक ने हराकर मार डाला था?
पुलकेशिन द्वितीय को दक्षिण का स्वामी किसने स्वीकार किया था?
पुलकेशिन द्वितीय को पल्लव शासक नरसिंहवर्मन प्रथम ने हराकर मार डाला था।
पुलकेशिन द्वितीय को मारने के बाद नरसिंहवर्मन ने ‘वातापीकोण्ड की उपाधि’ धारण की थी।
पुलकेशिन द्वितीय को मारने के बाद नरसिंहवर्मन ने कौन सी उपाधि धारण की थी?
पुलकेशिन द्वितीय चालुक्य (वातापी) वंश का शासक था।
पुलकेशिन द्वितीय ने ‘सत्याश्रय’ एवं ‘श्री पृथ्वी वल्लभ महाराज’ की उपाधियां धारण की थी।
पुलकेशिन द्वितीय ने कौन-कौन सी उपाधियां धारण की थी?
पुलकेशिन द्वितीय ने हर्ष को पराजित कर ‘परमेश्वर उपाधि’ धारण की थी।
पुलकेशिन द्वितीय ने हर्ष को पराजित कर कौन सी उपाधि धारण की थी?
पुलकेशिन द्वितीय वातापी के चालुक्य राजवंश से सम्बन्धित है।
पुलकेशिन द्वितीय शासक कब बना था?
पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन को दक्षिण के चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय ने आगे बढ़ने से रोक दिया था।
फारस के शासक खुसरो द्वितीय के दरबार में बादामी या वातापी के चालुक्य वंश के शासक पुलकेशिन द्वितीय ने शिष्टमण्डल भेजा था।