कनिष्क के राजकवि अश्वघोष थे।
जयगोन्दार कुलोतुंग प्रथम का राजकवि था।
पंडित जगन्नाथ शाहजहाँ के राजकवि थे।
पृथ्वीराज विजय की रचना राजकवि जयानक ने की थी।