उच्च रक्तचाप मनुष्यों के परिसंचरण तन्त्र में होने वाला एक रोग है जिससे ग्रस्त व्यक्ति लगातार उच्च रूधिर दाब से पीड़ित होता है। उच्च रक्तचाप को हाइपरटेन्शन भी कहा जाता है।
ग्लूकोस रक्त शर्करा कहलाता है।
जमे हुए रक्त के लोथड़े को क्या कहते है?
जमे हुए रक्त के लोथड़े को थक्का कहते है।
तरल संयोजी ऊतक (Fluid Connective Tissue) कशेरूकीय प्राणियों में उपस्थित रक्त एवं प्लाजमा को कहते है …
थ्रॉम्बोसाइटोपीनिया रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या की कमी के कारण उत्पन्न होने वाला रोग है जिसे थ्रोम्बोसाइट्स भी कहा जाता है।
थ्रॉम्बोसाइटोपीनिया रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी के कारण होता है।
थ्रोम्बोसाइट्स रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी के कारण होता है।
पैराथायरॉइड ग्रन्थि का कार्य रक्त और हड्डियों के भीतर उपस्थित कैल्शियम की मात्रा को विनियमित करने में सहायता प्रदान करना है।
मनुष्य का रक्त जल से 5 गुना अधिक चिपचिपा होता है
मनुष्य का रक्त जल से कितना अधिक चिपचिपा होता है?
मूत्र में रक्त की उपस्थिति के कारण कौन-सा रोग होता है?
मूत्र में रक्त की उपस्थिति के कारण हीमेट्यूरिया रोग होता है।
मूत्र में रक्त की उपस्थिति क्या कहलाती है?
मूत्र में रक्त की उपस्थिति हीमेट्यूरिया कहलाती है।
रक्त (Blood) कशेरुकिय प्राणियों के संचार तंत्र में उपस्थित तरल पदार्थ है …
रक्त (Blood) क्या है?
रक्त कणिका प्लाज्मा में पायी जाती है।
रक्त का pH मान 7.36 से 7.54 तक होता है।
रक्त का pH मान कितना होता है?
रक्त का औसत pH मान 7.4 होता है।
रक्त का औसत pH मान कितना होता है?
रक्त का कार्य क्या है?
रक्त का थक्का जमने के लिए विटामिन K की आवश्यकता होती है।
रक्त का निर्माण किसके द्वारा होता है?
रक्त का निर्माण प्लाज्मा तथा रूधिर कणिकाओं के द्वारा होता है।
रक्त का मुख्य कार्य कोशिकाओं को पोषक तत्व और ऑक्सीजन जैसे आवश्यक पदार्थ का संवहन करना है।
रक्त किस प्रकृति का होता है?
रक्त की श्यानता 4.7 होती है।
रक्त की श्यानता कितनी होती है?
रक्त को अंगों से हृदय की ओर ले जाने का कार्य किसका है?
रक्त को अंगों से हृदय की ओर ले जाने का कार्य शिराओं का है।
रक्त चाप एड्रीनल ग्रन्थि के मेड्यूला भाग से स्त्रावित हॉर्मोनों के द्वारा नियन्त्रित होता है।
रक्त प्लाज्मा का निस्यन्दन किसमें होता है?
रक्त प्लाज्मा का निस्यन्दन ग्लोमेरूलस में होता है।
रक्त में ADH या वेसोप्रेसिन हॉर्मोन की कमी हो जाने पर मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है।
रक्त में किस हॉर्मोन की कमी हो जाने पर मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है?
रक्त में न्यूट्रोफिल्स का जीवनकाल 10 से 12 घण्टा होता है।
रक्त में न्यूट्रोफिल्स का जीवनकाल कितना होता है?
रक्त में न्यूट्रोसाइट्स का जीवनकाल 10 से 12 घण्टे होता है।
रक्त में न्यूट्रोसाइट्स का जीवनकाल कितना होता है?
रक्त में पॉलीमॉर्फोन्यूक्लियर ल्यूकोसाइट्स का जीवनकाल 10 से 12 घण्टे होता है।
रक्त में पॉलीमॉर्फोन्यूक्लियर ल्यूकोसाइट्स का जीवनकाल कितना होता है?
रक्त में प्लेटलेट्स की कमी को क्या कहते है?
रक्त में प्लेटलेट्स की कमी को थ्रॉम्बोसाइटोपीनिया कहते है।
रक्त में लाल रंग हीमाग्लोबिन के कारण होता है।
रक्त में हेटरोफिल्स का जीवनकाल 10 से 12 घण्टे होता है।
रक्त में हेटरोफिल्स का जीवनकाल कितना होता है?
रक्त स्त्रावण किसके कारण होता है?
रक्त स्त्रावण विटामिन-K की कमी के कारण होता है।
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